क्रिप्टोकरेंसी: 2.4M+
एक्सचेंजों: 753
मार्केट कैप: 
$2.34T
4.84%
24 घंटे का आयतन: 
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13.13%
 ETH गैस: 
 Fear & Greed: 
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ग्लोबल लाइव क्रिप्टोकरेंसी चार्ट व मार्केट डेटा

हमारे सबसे महत्वपूर्ण क्रिप्टो चार्ट नीचे दिए गए हैं जो मार्केट को एक नजर में समझने में मददगार हैं। ये चार्ट मार्केट में हालिया सेंटिमेंट दर्शाने में मदद करते हैं, किस ओर पैसे का फ्लो है, इनसे मिली जानकारी की मदद से आप सोच समझकर निवेश करते और ट्रेडिंग फैसले लेते हैं।

स्पॉट मार्केट

मार्केट कैप

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वॉल्यूम (24 घंटे)

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Bitcoin डोमिनेंस

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CMC क्रिप्टो भय एवं लालच सूचकांक

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डेरिवेटिव मार्केट

ओपन इंटरेस्ट

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Bitcoin विकल्प अस्थिरता

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Ethereum विकल्प अस्थिरता

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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

क्रिप्टो के लिए मार्केट कैपिटलाइजेशन यानी बाजार पूंजीकरण क्या है?

क्रिप्टो का कुल मार्केट कैपिटलाइजेशनक, क्रिप्टो कीमत ट्रैकिंग वेबसाइटों द्वारा लिस्टेड सभी कॉइन और टोकनों की रियल-टाइम गणना है। NFT और मेटावर्स लैंड जैसे एसेट वर्तमान में किसी भी प्रमुख क्रिप्टो कीमत सेवाओं की गणना में शामिल नहीं हैं।

मार्केट कैप क्यों महत्वपूर्ण है?

क्रिप्टो का ओवरऑल मार्केट कैप निवेशकों के लिए मार्केट की आम भावना को समझने के लिहाज से महत्वपूर्ण है, चाहे वह ऊपर हो या नीचे। यह यूजर्स और निवेशकों के लिए क्रिप्टोकरेंसियों की ग्रोथ और एडॉप्शन के स्तर को समझने का एक उपयोगी तरीका है।

क्रिप्टो में वॉल्यूम क्या है?

ट्रेडिंग वॉल्यूम आमतौर पर दो संबंधित चार्ट के रूप में दिखाया जाता है। एक में ट्रांजेक्शन की कुल संख्या एक निश्चित समयावधि में दिखाई जाती है, जो सामान्यतया 24 घंटे की होती है। दूसरे में ट्रेड किए गए कॉइन या टोकनों के कुल वित्तीय मूल्य को दर्शाया जाता है, जिसे आमतौर पर अमेरिकी डॉलर में दिखाया जाता है।

वॉल्यूम क्यों महत्वपूर्ण है?

लिक्विड ट्रेडेड एसेट्स, जिनमें क्रिप्टोकरेंसी शामिल हैं, के लिए वॉल्यूम का उपयोग ट्रेडिंग पैटर्न की पुष्टि करने में मददगार तरीके के रूप में किया जाता है। कीमतों में उतार-चढ़ाव - ऊपर और नीचे दोनों ही - जो औसत से अधिक वॉल्यूम के आधार पर समर्थित होते हैं, उन्हें मार्केट सेंटिमेंट के अधिक महत्वपूर्ण और मबूत संकेतों के रूप में देखा जाता है।

Bitcoin (BTC) डोमिनेंस का क्या अर्थ है?

Bitcoin (BTC) डोमिनेंस एक मीट्रिक है जिसका उपयोग ओवरऑल क्रिप्टोकरेंसी मार्केट में Bitcoin की सापेक्ष मार्केट हिस्सेदारी या प्रभुत्व को मापने के लिए किया जाता है। यह संयुक्त रूप से सभी क्रिप्टोकरेंसियों के कुल मार्केट कैपिटलाइजेशन की तुलना में Bitcoin के कुल मार्केट कैपिटलाइजेशन के प्रतिशत का प्रतिनिधित्व करता है। चूंकि बिटकॉइन सबसे पहला एसेट था, इसलिए यह मार्केट कैप के हिसाब से अभी तक सबसे बड़ा बना हुआ है, यही कारण है कि मार्केट में इसका प्रभुत्व एक ऐसा नंबर है जिसे बहुत से लोग फॉलो करते हैं। हम इस चार्ट में ट्रैक किए गए एसेट्स को क्रिप्टोएसेट्स के रूप में वर्णित कर रहे हैं क्योंकि इसमें टोकन और स्टेबलकॉइन शामिल हैं, न कि केवल क्रिप्टोकरेंसी।

Bitcoin (BTC) डोमिनेंस क्यों मायने रखता है?

Bitcoin (BTC) डोमिनेंस मीट्रिक को कई कारणों से महत्वपूर्ण माना जाता है:

मार्केट डायरेक्शन इंडिकेटर: Bitcoin डोमिनेंस का उपयोग मार्केट सेंटिमेंट को समझने के लिए किया जा सकता है। जब BTC डोमिनेंस अधिक होता है, तो आमतौर पर इसका मतलब यह होता है कि निवेशकों को दूसरी क्रिप्टोकरेंसियों की तुलना में Bitcoin पर ज्यादा भरोसा है। यह मार्केट की अनिश्चितता या अस्थिरता के दौरान हो सकता है, जब निवेशक Bitcoin को इसके बड़े आकार और अधिक स्थापित प्रतिष्ठा के कारण 'सुरक्षित' दांव के रूप में देख सकते हैं। इसके विपरीत, जब BTC डोमिनेंस कम होता है, तो इसका मतलब यह हो सकता है कि निवेशक दूसरी, संभावित रूप से अधिक-रिवॉर्ड देनी वाली क्रिप्टोकरेंसियों पर जोखिम लेने के लिए अधिक इच्छुक हैं।

एसेट विविधता: निवेशकों के लिए, Bitcoin डोमिनेंस की सही समझ के चलते अपने पोर्टफोलियो में विविधता लाने के बारे में फैसला करने में मदद मिल सकती है। अगर Bitcoin डोमिनेंस अधिक है, तो वे जोखिम को कम करने के लिए अन्य क्रिप्टोकरेंसियों में विविधता के बारे में विचार कर सकते हैं। अगर Bitcoin डोमिनेंस कम है, तो वे इस स्थिति को Bitcoin में निवेश करने के अवसर के रूप में देख सकते हैं।

मार्केट परिपक्वता संकेतक: Bitcoin सबसे पहली क्रिप्टोकरेंसी थी और लंबे समय तक यह मार्केट पर पूरी तरह हावी रही। हालांकि, जैसे-जैसे क्रिप्टोकरेंसी मार्केट मैच्योर यानी परिपक्व होता गया है, कई दूसरे क्रिप्टो एसेट्स अनूठे फीचर्स और यूज केस के साथ विकसित होते गए हैं। इसलिए, समय के साथ Bitcoin डोमिनेंस में गिरावट को कुछ लोगों द्वारा क्रिप्टोकरेंसी मार्केट के अधिक परिपक्व और विविध होने के संकेत के रूप में देखा जाता रहा है।

ट्रेडिंग रणनीति: ट्रेडर्स अक्सर Bitcoin डोमिनेंस को यह तय करने के लिहाज से देखते हैं कि Bitcoin में या ऑल्टकॉइन्स (अन्य सभी क्रिप्टोकरेंसी) में निवेश करना है या नहीं। जब Bitcoin डोमिनेंस अधिक होता है, तो हो सकता है कि ट्रेडर्स अपने एसेट्स को Bitcoin में ले जाएं, यह उम्मीद करते हुए कि यह ऑल्टकॉइन से बेहतर परफॉर्म करेगा। इसके विपरीत, अगर Bitcoin डोमिनेंस कम हो रहा है, तो ट्रेडर्स अपने एसेट्स को ऑल्टकॉइन में ले जा सकते हैं ताकि उन्हें अधिक रिटर्न मिल सके।

हालांकि, यह ध्यान देने योग्य है कि भले ही Bitcoin डोमिनेंस से कुछ अंदर का हाल तो मिल सकता है, मगर यह निवेश रणनीति या मार्केट हेल्थ संबंधी कोई एक निश्चित गाइड नहीं है। क्रिप्टोकरेंसी मार्केट कई जटिल कारकों से प्रभावित होता है, और Bitcoin डोमिनेंस तस्वीर का केवल एक हिस्सा ही है।

यह इंडेक्स यानी सूचकांक, मार्केट के डर और लालच के लेवल को कैसे निर्धारित करता है?

मार्केट सेंटिमेंट में मूल्यवान इनसाइट प्रदान करने के लिए यह इंडेक्स कई प्रमुख घटकों का उपयोग करता है:

1. प्राइस मोमेंटम: यह मार्केट कैपिटलाइजेशन के अनुसार BTC, ETH, XRP, BNB और DOGE सहित टॉप 10 क्रिप्टो कॉइन (स्टेबलकॉइन को छोड़कर) के कीमत परफॉर्मेंस का विश्लेषण करता है, ताकि एसेट्स की एक व्यापक रेंज में ट्रेंडस को पकड़ा जा सके।

2. वोलैटिलिटी यानी अस्थिरता: इंडेक्स में Volmex Implied Volatility Indices, BVIV और EVIV शामिल हैं, जो BTC तथा ETH के लिए 30 दिनों में वार्षिक अपेक्षित अस्थिरता के अग्रगामी उपाय प्रदान करते हैं।

3. डेरिवेटिव मार्केट: मार्केट एक मध्यम समय सीमा में निवेशकों की भावना को इंगित करने के लिए Bitcoin और Ethereum विकल्प कॉन्ट्रैक्ट्स पर Glassnode ऑप्शंस ओपन इंटरेस्ट पुट/कॉल रेशियो डेटा का उपयोग करता है। पुट व कॉल का अधिक अनुपात डर का संकेत देता है, जो मंदी की संभावनाओं का संकेत देता है।

4.मार्केट संरचना: मार्केट में BTC की सापेक्ष कुल वैल्यू मार्केट सेंटिमेंट के एक महत्वपूर्ण संकेतक के रूप में काम करती है। स्टेबलकॉइन सप्लाई रेशियो (SSR) को इस उद्देश्य के लिए इस्तेमाल किया जाता है, यह Bitcoin के मार्केट कैपिटलाइजेशन और प्रमुख स्टेबलकॉइन्स के कुल मार्केट कैपिटलाइजेशन के बीच अनुपात को मापता है।

5.CMC मालिकाना डेटा: यह इंडेक्स मार्केट के सेंटिमेंट, रिटेल इंटरेस्ट और नए सामने आ रहे ट्रेंड्स को मापने के लिए सोशल ट्रेंड कीवर्ड सर्च डेटा और यूजर एंगेजमेंट मैट्रिक्स का विश्लेषण करता है। इस जानकारी से उन कॉइन्स और प्रोजेक्ट्स की पहचान होती है जिनमें सबसे ज्यादा दिलचस्पी पैदा हो रही है और मार्केट के सेंटिमेंट को प्रभावित करने वाले थीम पता चलते हैं।

मैं CMC क्रिप्टो भय एवं लालच इंडेक्स का उपयोग कैसे करूं?

भय एवं लालच इंडेक्स का उपयोग मार्केट के मूड का आकलन करने के लिए किया जाता है। यह एक सेंटिमेंट इंडिकेटर के रूप में काम करता है जो यूजर्स को ओवरऑल मार्केट के भावनात्मक पूर्वाग्रहों का एक सेंस पाने में मदद करता है, जिससे उन्हें अधिक उद्देश्यपूर्ण निर्णय लेने में मदद मिलती है। जब अन्य विश्लेषणात्मक टूल्स के साथ जोड़ा जाता है, तो यह इंडेक्स मार्केट की भावना का आकलन करने और सूचित विकल्प बनाने के लिए एक मूल्यवान संसाधन बन जाता है।

ओपन इंटरेस्ट क्या है?

ओपन इंटरेस्ट (OI) बकाया डेरिवेटिव क्रिप्टो कॉन्ट्रैक्ट्स की कुल वैल्यू है जिनका अभी तक निपटान नहीं हुआ है। इन डेरिवेटिव कॉन्ट्रैक्ट्स में परपेचुअल कॉन्ट्रैक्ट्स, फ्यूचर्स कॉन्ट्रैक्ट्स, ऑप्शंस कॉन्ट्रैक्ट्स, या अन्य प्रकार के वित्तीय साधन शामिल हो सकते हैं जो Bitcoin या Ethereum जैसे अंतर्निहित क्रिप्टोकरेंसी से अपनी वैल्यू प्राप्त करते हैं।

ओपन इंटरेस्ट एक प्रमुख मीट्रिक है जिसका उपयोग ट्रेडर्स, विश्लेषकों और निवेशकों द्वारा मार्केट के सेंटिमेंट का आकलन करने और क्रिप्टोकरेंसी डेरिवेटिव्स में ओवरऑल इंटरेस्ट और लिक्विडिटी को मापने के लिए किया जाता है। यह समझना महत्वपूर्ण है कि जो ओपन इंटरेस्ट है वह ट्रेडिंग वॉल्यूम के समान नहीं है। ट्रेडिंग वॉल्यूम एक निश्चित अवधि के दौरान ट्रेड किए गए कॉन्ट्रैक्ट्स की कुल संख्या का प्रतिनिधित्व करता है, जबकि ओपन इंटरेस्ट उन कॉन्ट्रैक्ट्स की कुल संख्या का प्रतिनिधित्व करता है जो अभी भी सक्रिय हैं और अपोजिट ट्रेड द्वारा ऑफसेट नहीं किए गए हैं।

ओपन इंटरेस्ट क्यों मायने रखता है?

ओपन इंटरेस्ट और कीमत उतार-चढ़ाव के बीच का संबंध मार्केट ट्रेंड्स के बारे में खास जानकारी दे सकता है। उदाहरण के लिए, अगर बढ़ती कीमतों के साथ-साथ ओपन इंटरेस्ट बढ़ रहा है, तो यह संकेत दे सकता है कि मार्केट में नया पैसा आ रहा है, और इसमें तेजी की भावना है। इसके विपरीत, यदि ओपन इंटरेस्ट कम हो रहा है जबकि कीमतें गिर रही हैं, तो यह संकेत हो सकता है कि ट्रेडर्स अपनी पोजीशन समेट रहे हैं, संभवतया मंदी की भावना का संकेत दे रहे हैं।

ट्रेडर्स द्वारा ओपन इंटरेस्ट में होने वाले बदलावों पर भी ध्यान दिया जाता है, क्योंकि महत्वपूर्ण बढ़ोतरी या कमी मार्केट सेंटिमेंट में संभावित बदलावों और वोलैटिलिटी यानी अस्थिरता बढ़ने की संभावना का संकेत दे सकती है।

कुल मिलाकर, डेरिवेटिव्स मार्केट को समझने के लिए ओपन इंटरेस्ट एक आवश्यक डेटा पॉइंट है और क्रिप्टो स्पेस में ट्रेडर्स और विश्लेषकों के लिए मूल्यवान सूझबूझ प्रदान कर सकता है।

इम्प्लाइड वोलैटिलिटी यानी निहित अस्थिरता क्या है?

इम्प्लाइड वोलैटिलिटी (IV) यानी निहित अस्थिरता Bitcoin या Ethereum जैसे अंतर्निहित एसेट की अपेक्षित भावी अस्थिरता की एक माप है। यह ऑप्शंस कॉन्ट्रैक्ट्स की कीमतों से लिया गया है और यह मार्केट की उम्मीदों को दर्शाता है कि एक निश्चित समयावधि में एसेट की कीमत में कितना उतार-चढ़ाव रहेगा। IV को अक्सर "डर गेज" के रूप में जाना जाता है क्योंकि यह माना जाता है कि यह एसेट के भावी प्राइस मूवमेंट्स के बारे में निवेशकों की भावना और अनिश्चितता को इंगित करता है। ऑप्शंस ट्रेडिंग में यह एक महत्वपूर्ण अवधारणा है और इसकी गणना अलग-अलग पद्धतियों, जैसे कि मॉडल-निर्भर या मॉडल-मुक्त दृष्टिकोणों का उपयोग करके की जा सकती है। Volmex Implied Volatility Indices क्रिप्टो एसेट्स के IV की गणना करने के लिए एक मॉडल-मुक्त दृष्टिकोण का उपयोग करता है और एक इंडेक्स के रूप में व्यक्त अग्रगामी मार्केट व्यू प्रदान करता है। पद्धति का विवरण यहां देखा जा सकता है।

इम्प्लाइड वोलैटिलिटी यानी निहित अस्थिरता क्यों मायने रखती है?

मार्केट की अपेक्षाओं और सेंटिमेंट को समझने में इम्प्लाइड वोलैटिलिटी यानी निहित अस्थिरता एक महत्वपूर्ण कारक है। यह किसी एसेट के संभावित भावी प्राइस मूवमेंट्स के संबंध में मार्केट सहभागियों के सामूहिक दृष्टिकोण को दर्शाता है। यह कीमत निर्धारण विकल्पों में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, अधिक इम्प्लाइड वोलैटिलिटी यानी अधिक निहित अस्थिरता के कारण अनिश्चितता में वृद्धि और कीमत में बड़े उतार-चढ़ावों की संभावना के चलते कहीं अधिक ऑप्शन कीमतें होती हैं। इसके अलावा, इम्प्लाइड वोलैटिलिटी जोखिम प्रबंधन के लिए जरूरी है, जिससे ट्रेडर्स अपने जोखिमों का आकलन कर सकते हैं और उन्हें एडजस्ट कर सकते हैं। ट्रेडर्स द्वारा इम्प्लाइड वोलैटिलिटी का उपयोग ट्रेडिंग रणनीतियों को विकसित करने के लिए भी किया जा सकता है, जहां अपेक्षित करेक्शन से लाभ कमाने के लिए विसंगतियों की तलाश हो रही हो। इसके अलावा, भावी प्राइस मूवमेंट्स के पूर्वानुमान के लिए इम्प्लाइड वोलैटिलिटी एक इनपुट के रूप में कार्य करती है, जिससे ट्रेडर्स को सोच-समझकर अनुमान लगाने और उसी अनुसार अपनी रणनीतियों को अनुकूलित करने में मदद मिलती है।